Karni Mata DOHA IN HINDI
करणी माता चिरजा लिरिक्स
*नये बरस नो नौरतां, दे मैया आशीष।*
*पल भी नां भूलुं तुझे, रोज निवांवूं शीश।*
*जोत जगाऊं भगवती, घृत धेनु को डार।*
*एकम रै दिन मावड़ी, म्हारै घरां पधार ।*
*आवड़ आतुर आवजै, करणी आ सर बेग।*
*नवलख सगत्यां साथ ले, इन्द्र बढो आवेग।*
*ध्यान धरूं मैं आपरो, चरणां चित्त लगाय।*
*दर्शन दीजे डोकरी, देशाणै री राय।*
*मद रो प्यालो ले खड्यो, आय अरोगो अम्ब।*
*थाल सज्या पकवान नैं, जीमो जी जगदम्ब।*
*करणी भगती रै समद, उतर बिना घबराय ।*
*जो बचसी बो डूबसी, जो डूबे तिर ज्याय।*
*मढ थारो मन में बसै, उण मढ आज पधार।*
*रीत निभादे लाड री, प्रांजल पुत्र दुलार।*
*प्रह्लाद
।। मातृ चरणार्विन्दाश्रितोऽहम् ।।
।। दोहा ।।
कीरत करणी कोट की, बरण सके कुण बाण ।
राजे जहं रतनासदूं (माँ), बीसोतर कुळ भाण ।
शक्ति पीठ सुहावणो, शौभित जैम सुमैर ।
रातदिवस बरसे जठै, माँ सायर री म्हैर ।
ऊंचो गढ़ मढ़ ऊजळो, अर्क लेत जिण ओट ।
जुगल रूप राजे जठे, मात रिधु मन मोट ।
आठ पहर अळगो रहे, कळजुग कूड़ करूर ।
लाजे सांमी लाख विध, निरमळ सतयुग नूर ।
गढ़ बंका जग में घणां, हुवे न किणसूं होड ।
दीपत हे मणिद्वीप ज्युं, सह तीरथ सिरमोड़ ।
।। करणी कृपा हि कैवलम् ।।
।। दोहा ।।
किंकर पर कायम कृपा, राज रखे दिनरात ।हे)शरण चरण सुखदायनी, नमो करनला मात ।
।। छन्द:- सारसी ।।
धजबन्थ करुणा धाम करणी,
दिव्य आनंद दायनी ।
आधार अविचल वंश आश्रित,
विरद चित्त वरदायनी ।
भक्त वत्सल बीसभुज माँ
कृपा सुमंगल कारणी ।
जय जय दयानिथ दीन वत्सल,
दैशाणपत दुख हारणी ।
।। दोहा ।।
करम हवाले नहं करे, पूरण आश्रित पात ।
भाग कुमंदा भांजणी, नमो करनला मात ।
जयसिंह मण्डा
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