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लागयो मन चित मात करनला आयो मढ़ देशाण karnimata chirja lyrics करणी माता चिरजा लिरिक्स




       Karni Mata Chirja Lyrics 

       
               करणी माता चिरजा लिरिक्स



*"जय माँ करणी"*

                *"चिरजा"*


लागयो मन चित मात करनला आयो मढ़ देशाण
अर्ज करू मात अम्बा धरज्यो घट माही ध्यान(टेर)

उमडि़यो हर्ष हिंये अणुँतो, करयां दर्शन करनला
कौड सुं बैठियो करणी, चित लगा बीच चरणां 

मूँरत निरखूँ मन मौहणी, हरखूँ निज हिंगलाज 
कैहर रूप सजी करणी, अर्ज सुणो माँ अधिराज 

चंद्र लला मुँखड़े चँमके, भाल बिंदियां माँ भळके
शीष रखड़ी मर्दंग सौभित,चंदन तिलक माँ चमकें 

कर में त्रिशूल करनला,  वर्णित सोभा है कड़ा ।
भळकत भाळ ताज भळके,जड़त रत्न हीरा जड़ा 

काज सारण निज करनला, तीन लोक भूँ तारणी 
सुत गणेश शरणे शगती, धरो शीश हाथ धिराण 

                          *गणेश दान बीठू 



🌷

🌷 *।। करणी मां की चिरजा ।।*🌷
            ।।राग कुचामणी।। 
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डोकर डाढ्याली,शरणे राखज्यो सेवग नै सोरो...
डोकर डाढ्याळी..

पलका सूं मां चरण पखारू,भणू किरत मुख भौत।
उठ प्रभाते करूं आरती,जगमग राखूं जोत।।
जगमग राखू जोत,चंडी रख चाहना।
जपता जुगती जाप,धरूं उर ध्यावना।।
डोकर डाढ्याली,शरणे राखज्यो सेवग नै सोरो...
डोकर डाढ्याळी...

लूंजी अम्बा रांधु लापसी, घणो घृत घलाऊं।।
आडी ताण ओछाट अम्बा,लुळकै भौग लगाऊं।।
लुळके भौग लगाऊं,सुबह नित शाम नै।
बालक री सुण बात ,करो इण काम नै।।
डोकर डाढ्याली,शरणे राखज्यो सेवग नै सोरो...
डोकर डाढ्याळी..

आगे भगत अनैक उबारया,वेदां करयो बखाण।
जननी बारी जायेंड़े री,करणी करज्यो कान।।
करणी करज्यो कान,ध्यान रख दास रो।
अम्बे कर उपकार,एक थांरो आसरो।।
 डोकर डाढ्याली,शरणे राखज्यो सेवग नै सोरो...
डोकर डाढ्याळी..

चारणवासी गांव मौं चंडी,बारठ जस बिड़दावै।
माफ करी सब भूल मेहाई,आप शरण चल आवै।
आप शरण चल आवै,लाज रख लीजिए।
रटे रिधू "रिछपाल",दरस मां दीजिए।।
 डोकर डाढ्याली,शरणे राखज्यो सेवग नै सोरो...
डोकर डाढ्याळी..

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🌷जय मां करणी 🌷
       ।। चिरजा ।।
तर्ज- करो मन याद करणी को
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रटो  मन  नाम नित  रिधू ,
अम्बा भव  पार  उतारेगी ।
सुमर मन नाम करणी को,
अम्बा झट आ उबारेगी।।
नैया भव पार तारेगी...(टेर)

सजा सांसों की डोरी में,
नाम श्री मां मेहाई को।
जबर करें जीत मां जग में,
विघ्न सब मां विडारेगी।
सुमर मन नाम करणी को,
नैया  भव पार तारेगी..
रटो मन नाम रिधू को,
दया दिल मात धारेगी।।(1)

पखारो मां के चरणों को,
बहाकर भक्ति की गंगा..-2
बिछा दो अपने पलकों को,
नैह से मां निहारेगी।।-2
सुमर मन नाम करणी को..
नैया भव पार तारेगी....(2)

शरण ले मात सगती को,
सकल मां काज सारेगी
डगर की बाधा डाढाळी,
तुरन्त मां आय टारेगी।।‌‌
सुमर मन नाम करणी को..
नैया भव पार तारेगी....(3)

गावै गुण आप रा गिरजा,
रटे रिछपाल रोहड़ियो ।
चाकर चरणां रो रख चंडी,
अम्बा कब आय उबारेगी।।
सुमर मन नाम करणी को..
नैया भव पार तारेगी ।।
रटो मन नाम रिधू को,
नैया भव पार तारेगी।।(4)
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रिछपाल बारहठ रजवाड़ी 
      ‌‌।। चारणवासी  ।।

आजै सुणतां ईसरी,करजै मां उपकार।
बिण थारै तो बिशहथी,और नहीं आधार।।

कमधज अजेय करनला,धरै तिहारो ध्यान।
चरणों मांगै चाकरी,कर किरपा किनियाण।।

रात दिवस आठों पहर,जपूं तिहारो जाप।
करणी करणी करनला,देसाणा धणियाप।।

मोटी करनल मावड़ी,घट में भरजे ग्यान।
उर करजे मां ऊजळो,दे विद्या वरदान।।

आई चाकर आपरौ,नित ही सीस नवाय।
कमधज अजेय करनला,गुण तेरा ही गाय।।

@अजयसिंह राठौड़ सिकरोड़ी कृत।।

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