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Karni Mata Chirja Lyrics करणी माता चिरजा लिरिक्सKarni Mata Chirja Lyrics करणी माता चिरजा लिरिक्स

Karni Mata Chirja Lyrics करणी माता चिरजा लिरिक्स 


अंबे जी आपने कौण सजाया सा ,

म्हारा इंदर अंबा प्यारा घणा लागो सा,

 म्हारो मनड़ो हर लिनो थांकि मुरत मतवाली ,,

म्हारो मनडो मोह  लिनो थांकि सूरत मतवाली,


1 -अन्नदाता थांको खूब सज्यो दरबार,

म्हारा इंदर अंबा अजब सज्यो दरबार,

 प्राणा  से  प्यारी आ  खुडद  नगरी, 

मोत्या  से  महंगी  आ खुड़द  नगरी,

अम्बे जी- - - - - - - - - - - - - - - - - - - 


2 - अन्नदाता थारी  नजर  उतारू  सा,

 बाईसा थां पर  रांई  लूण  वारू  सा,

न्योछावर कर दु अम्बर और आ धरती,

न्योछावर कर दु अम्बर और आ धरती,

अम्बे - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - --


3 - अन्नदाता थे तो कुल मे उजालो सा,

 बाईसा थै  तो  कुऴ  ने  उबारयो  सा, 

पावन तीरथ सो लागे आ खुडद नगरी,

सुरगा  सु  प्यारी  आ  खुडद  नगरी,

अम्बे जी - - - - - - - - - - - - - - - - - - -


4 - अन्नदाता थांरो  रूप   निहारूं सा,

बाईसा थां  पर  तन  मन  वारू  सा,

पारस ने दी जो मां चरणा की चाकरी,

दर्शण तो दीजो मां म्हाने भी दो घड़ी,

अम्बे जी - - - - - - - -- -- - - - - - - - --

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