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Karni Mata Chirja Lyrics करणी माता चिरजा लिरिक्स दोहा




Karni Mata Chirja Lyrics 

करणी माता चिरजा लिरिक्स



जगदंबा करणीजी रो आवाहऩ गीत   





अरज करुं सांभळे आव शगति अठे,गरज मुझ पडी छै एथ गाढी ।
अठै मां आवजे रुप थुं आवडां , देवीयां वडेरी देव डाढी॥१॥

जायबो प्रदेशां देशमां जेथमां , दाखवां रख्सा कर तेथ देवी ।
मनोरथ माहरां पुरण कर मावडी,सदैवां मेहासधू घणी सेवी ॥२॥

थाण देसाणमें थापणों थाहरो, माहरो वसीलो थुंज माता ।
भीड कट सेवगां हवे थुंज भुजाळी, विशाऴी ज़ांणती सरव वातां ॥३॥

डणकतौं केहरि चढैऩै डाढाऴी, चोजसूं साह्यता करे चंडी ।
भळेऴै कुंडऴां कांनमै भवानी, झऴेऴै हाररो तेज झुंडी ॥४॥

लोवडी शीशरे उपरां लखीजै,हाथ मैं डम्मरु आव हाली ।
झणंकै बिछिया पांवमै झांझरां, वडाळी पांथुंआं मात वाऴी ॥५॥

त्रशूऴां हाथमैं, खडग थुं तोलती ,बोलती हुंकारां होय बेली ।
कंचुऑ हिरांमण जडेनै कसेली,वसेली मरुधरां आव व्हेली ॥६॥

धमरोळ धूंपडां जगाडे धजाऴी,मायाऴी भेऴियो ओढ माथै ।
वाजडा ढोल रणतूर थुं वजाडे ,सजाडे जोगणी सरव साथै॥७॥

किलोऴां हास किवळासमै करंती,फरंती फूंदडी चोज फेरा ।
चोरासी चारणी नवेलख चंडीयां, डारणां दहितां तणां डेरा ॥८॥

सांवळां चरज्जां गावती शगत्ती,जगत्ती उपरां झुंड जामे।
अडेडै उडती वाट थुं अकाशां,सडेडै खेचरी साम-सामै॥९ ॥

ज़ोधपुर ,उदयपुर ,बीकांणां केतरा, मावडी थाहरा भूप ब्राजे ।
केतरा करुं वाखाण तौ किन्याणी,आई किरत वधण घणी आजै ॥१०॥

वदै जो करनला नाम थारो वडो, भुतडां, प्रेतडां दूर भागै।
धरै जो थाहरो रुप दिल कर धडै, लऴै जग तेहरे पाय लागै ॥११॥

एहडी वडी आई धरां उपरां,मोपरां वीशहथ धरे माता ।
धुरंधर काज मन करयां कर सिध्धजे, उराजे अमां पर विघन आतां ॥१२॥

दाणवां केतरा दुरजणां दऴे थुं,कडे कर माहरां सुकज केता ।
आशरो ईऴा पर आपरो अंबिका, जोराऴी मेटजो दोष जेता॥१३॥

दोय कर जोडनैं खेतसी दाखवै,अरज थुं सांभऴे आव अंबा ।
मेहासधू चारणां फतह कर मावडी, लोवडी प्रसारे हाथ लंबा ॥१४॥
खेतसी मिसण




दोहा


आजै सुणतां ईसरी,करजै मां उपकार।
बिण थारै तो बिशहथी,और नहीं आधार।।

कमधज अजेय करनला,धरै तिहारो ध्यान।
चरणों मांगै चाकरी,कर किरपा किनियाण।।

रात दिवस आठों पहर,जपूं तिहारो जाप।
करणी करणी करनला,देसाणा धणियाप।।

मोटी करनल मावड़ी,घट में भरजे ग्यान।
उर करजे मां ऊजळो,दे विद्या वरदान।।

आई चाकर आपरौ,नित ही सीस नवाय।
कमधज अजेय करनला,गुण तेरा ही गाय।।

अजयसिंह राठौड़ सिकरोड़ी ।।

सिंह होय सवारहि मात चली तब देख सबे असुरांण डरे ।
सगती किन कारण आज चली यह बात हमें नह जान परे ।
अब कौन बतावत ये बतियां  मन ही मन सोच अपार करे ।
नव रूप धर्यो उमिया रमवा इम जान सबे हरखे हियरे ।।1।।

जद आवहि मोंगल चामुण्ड आवड़ बूट बहूचर मात बड़ी ।
करणी किनयाँण किरपा कर आवत सारण कारज शेर चड़ी ।
जद होय खुशी कर खूब जिके जयकार तणी जद होड़ पड़ी ।
थइकार तणो घण थाट थयो तब सूर अवाज़ अकाश अड़ी ।।2।।

नव रात रमे नव रास नया नव ही नव ओपत रूप नया ।
नथ नाक मनोहर शोभत हैं कर कांकण रा शिणगार कर्या ।
मिळ चौसठ जोगण साथ सबे धिन रूप अनूप हि मात धर्या ।
जद आवत देखण देव सबे अवनी पर रास रमे उमिया ।।3।।

पग झांझर की झनकार बजी नकबेसर को अति थाट नयो ।
बिछुऐंय लगे बजनेय बहो थइकार घणो चहुं और थयो ।
नर नाग सबे सुर पाय नमे जयकार जिये जय मात जयो ।
कर जोड़ कहे अब मीर मिठो जग मात तणा गुण गाय रह्यो ।।4।।
मीठा मीर डभाल


करणी करणी जो कहै, उठतों पेली अवश।
लावा सुख रा वो लहे, भक्त्ती सुधारे भवश।।
करणी करणी जो कहे, वाखोटे वरदाय।
देवी दोष दूर करे, महर करे महमाय।।
करणी करणी जो कहे,फेरे माळा फोर।
आश पूरे वो अवश ही,दुख रा टाले दोर।।
करणी करणी जो कहे धरणी पांव धरेय
हर कदम पर विघन हरे  कारज पूर्ण करेय।।
करणी करणी जो कहे टले घात टँटाळ।
राजन शरणे तुझ रहे पाप मेट पंपाळ।।
 राजन झणकली



करणी माता चिरजा 



बीकाणा रो बांणियो ,
करणी भगत कहाय ।
बुडै जल बिचै नावड़ी ,
बिलखे मात बचाय ।
डोसी डोल रयो दधी बीच ,
बेठी पुल कोण बचावे रे ।टेर ...
जांगड़ू शाह भगत सो जांणी ।
हुय जल मारग बीच हेरांणी ।
करो किरपा करणी किनियांणी ।
डरै ज्हाज डुबावै रे ।डोसी ....
पलटै नाव करे कुण पारा ,
तुफान चारां ओर त्यारा ।
सुण अरजी माँ तोय सहारा ,
अबखी कुण आवे रे ।डोसी ....
धैन दोवत माता चित धारी ,
बेठां करनल बांह पसारी ।
साचे मन विनती स्वीकारी ,
धन भगती धावे रे ।डोसी ....
जगत खड़ी रक्षक जगतम्बा ,
अबखी वखत उबारत अम्बा ।
भंमर पुकार सुणै भुजलम्बा ,
पुजत फल पावै रे ।
डोसी डोल रयो दधी बीच ,
वेठी पुल कोण वचावै रे ।
 भंवरदान 

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