Karni Mata Chirja Lyrics
करनल करुणा-सिंधु
करणी माता चिरजा लिरिक्स
*करनल करुणा-सिंधु कहावै*
-डॉ. गजादान चारण 'शक्तिसुत' नाथूसर
दोहा-
देवी मढ़ देसाण री, मेह दुलारी माय।
गरज सकव गजराज री, सारै नित सुरराय।।
*करनल करुणा-सिंधु कहावै*
*म्हां पर नित किरपा बरसावै*
*करनल करुणा-सिंधु कहावै*
सुमिरंतां सुरराय सहायक, मन सांसो मिटवावै।
दरस कियां दुख दाळद मेटै, पद परस्यां दुलरावै।।
मैया चरण सरण बगसावै...
करनल करुणा-सिंधु कहावै---
अंतस पीड़ पिछाणै अंबा, बिन सिमर्यां बतळावै।
दूजो देव और कुण धरणी, करणी जोड़ै आवै।
अंबे भव दुख दूर भगावै...
करनल करुणा-सिंधु कहावै--
परचा है अणमाप प्रथी पर, सबदां जो न समावै।
घर घर जोत दीपै जगदंबा, सेवक छंद सुणावै।
सुण कर अंबा दौड़ी आवै..
करनल करुणा-सिंधु कहावै..
माथै हाथ ऱखावै मायड़, सत री राह चलावै।
कवि 'गजराज' बखाणै कीरत, गायक रुच रुच गावै।
करणी सुख संपत बगसावै...
*करनल करुणा-सिंधु कहावै*
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