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AAVAD Karni Mata Doha Chirja Lyrics आवड़ करणी माता लिरिक्स



AAVAD Karni Mata Doha Chirja

 Lyrics




आवड़ करणी माता  लिरिक्स


दोहा
कहो अरज किणने कहूं,हो सब जाणण हार।इण जग म्हारे आवड़ा, आप तणो आधार।।
           छन्द जात बृध्दिनाराज
                   
सजा हिंगोल सूं विमाण लै शिवा सिधावणा ।
पधार वास मामड़ाय सात पोडि पालणा ।
मना हिंगोल मात सात बार जाय मामड़ा ।
शिवा सदाय मो सहाय आस पूर आवड़ा।।
                         जि आस पूर आवड़ा।1
हुवे उछाव चेल गांव देव जो हर्षावणा ।
विमाण साज देव आय फूल लै वर्षावणा।
करे विनेय देव आय हाथ जोड़ सै खड़ा ।
शिवा सदाय मो सहाय आस पूर आवड़ा।
                         जि आस पूर आवड़ा ।2
भवा सदाय आप आय सेवगा बचावणी।
करे विनास दूट आज मात थे खपावणी।
उतार भार भोम रो हिंगोल मात आवड़ा।
शिवा सदाय मो सहाय आस पूर आवड़ा।।
                         जि आस पूर आवड़ा।3
अकाल देख वीत काज सीन्ध में सिधाविया।
अलोक रूप देखिया मलेछ पाप आविया।
विडार वंश सूमराय यादवा  बसावड़ा ।
शिवा सदाय मो सहाय आस पूर आवड़ा।।
                         जि आस पूर आवड़ा।4
हिलोल लेत छोल छाय रोक राह हाकड़ा।
अखी विनय नाय मान वो गुमान से अड़ा।
सरे चलूय तीन माय पेट मे समावड़ा   ।
शिवा सदाय मो सहाय आस पूर आवड़ा।।
                         जि आस पूर आवड़ा।5
अचान रात भ्रात गात लाग पीवनू अही।
धरा उगंत देख भाण ताण लोवड़ी दही।
लुकाय भाण भ्रात काज लाय ईमि लांगड़ा।
शिवा सदाय मो सहाय आस पूर आवड़ा ।।
                         जि आस पूर आवड़ा।6
उदंड होय दानवी सताय सेवगा इला।
सिधाय आप दाटियो उडी दरा लगा सिला।
थपाय थान माड आय धाम आख तेमड़ा ।
शिवा सदाय मो सहाय आस पूर आवड़ा ।।
                         जि आस पूर आवड़ा।7
धरंत पांव पेड़िया मिटे ज ताप देह रा ।
उबा शर्णाय रोग दोग मेट जाण आपरा।
बड़ा ज भाव ओरले झुकाय पाग भूपड़ा।
शिवा सदाय मो सहाय आस पूर आवड़ा ।।
                         जि आस पूर आवड़ा।8
सदा सहाय आप आय सेव काज सारणी।
चढे सदाय बाघ साज मात आय चारणी ।
मनाय चीत चाव सूं सदा सुता ज मामड़ा।
शिवा सदाय मो सहाय आस पूर आवड़ा।।
                         जि आस पूर आवड़ा।9
करूं पुकार ध्यान धार काज सार कारणे।
अबार काज सार मात देर नाय आवणे ।
तकी हमेश आस मात मैं विशेष तेमड़ा ।
शिवा सदाय मो सहाय आस पूर आवड़ा।।
                        जि आस पूर आवड़ा।10
अनंत आस आपरी य आसरो ज आपरो।
सरा व काज हरि आज दीख नाय दूसरो।
करूं पुकार जोड़ हाथ सामि ओरले खड़ा।
शिवा सदाय मो सहाय आस पूर आवड़ा।
                        जि आस पूर आवड़ा।।11
       जय मा तेमड़ाराय की

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