SAYAR KARNI DOHA
।। माँ सायर सर्वम् मम: ।।
।। दोहा ।।
आप सिवा नहिं आसरो, म्हारे जग रे मांय ।
नित्त रखो निज दास ने, चरण शरण लिपटाय ।
मत करजो अळगो मनें, आप चरण सुं अम्ब ।
ओहिज मोटो आसरो, आप कृपा अवलम्ब ।
।।छप्पय ।।
देख दशा मम दीन, बीसहथ दया बिचारों ।
पालण पूत कपूत, नमो निज विरद निहारो ।
शरणे राज सनात, मात निज पात रखावो ।
जनम जनम जगमात, नैहवश मोय निभावो ।
कुअसर जोय कळू रो कठिन,
(माँ) राज वळू मम रीजिये ।भूल चूक सह भूलने माँ,
शिशु "जय " शरणै लीजिये।
।। सोरठा ।।
हाजिर जोड़यां हाथ, ऊभो सनमुख आपरें ।
(हे) जनम जनम री मात,सुणो विनय रतनासदूं।
धणी न दूजौ धार, किणरी नहँ आशा करू ।
ऐकज मो आधार, राज चरण रतनासदू ।
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