सुप्रभात मित्रों! राधा अष्टमी की हार्दिक बधाई! सादर जय श्री कृष्णा! राधे राधे हुकुम!
*छंद मनहर*
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पूर्ण चंद्रमा सी भली लेके रूप राशी चली,
अली कली आती दिखै लली बृजधाम से।
कान्ह नै बुलाई याकुँ सैन समझाई वाकुँ,
ताकु झांकु छौड़ राधे आई कछु काम से।।
हिये में उठे हिलौर चित लियो तूंने चोर,
नाचे अब मन मोर कान्हा तेरे नाम से।
सघन कुँजन माहीं, बैठ के कदम छांही
ठकुरानी मिल आई ठाकुर ललाम से।।
*घनश्याम सिंह किनियां कृत*
*चारणवास हुडील*
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