🌷।।जय मां करणी 🌷
. ।। दोहा ।।
------------------------------
शीश निवावत सुरसती,
पांव पुजूं प्रभात।
रोज बाळक पर राखजै,
हंस वाहिनी हाथ।।
हरणी विघ्न हमेश ही,
सरणी सुख सदांय।
धरणी री मोटी धणी,
करणी नाम कहाय।।
सांचै मन सूं सुमरिये,
मम मेहाई मात ।
सगत्यां मांय सिरोमणि,
विश्व सकल विख्यात।।
रोमकंद रिधुराय रै
चरणा छंद चढ़ाय।
बालक थांरो बीसहथ,
हदां रियो हरसाय।।
------------------------
रिछपाल बारहठ रजवाड़ी रचित
।। चारणवासी चूरू ।।
0 टिप्पणियाँ
If you have any dout please let me know and contect at mahendrasingh2015charan@gmail.com