Karni Mata Chirja Lyrics
करणी माता चिरजा लिरिक्स
मढराय भवानी करणादे हो पूत पे मात सदा वत्सल
महामाय सहाय करो अम्बा प्रणपाल पुनीत रहो पल-पल
हे अष्टादश भुज ध्यान धरूं करो करूणामय किरपा अविरल
निर्बाध आशीष रखो मोहे शीश भवसागर बीच रहुं अविचल
ममता स्युं नैण भरया सगति उर में बहती करूणा कलकल
निजअंक बैठाय रखे करणी सुत क्रीडा करे होकर चंचल
तम काट उजास भरे भक्ति मनु जीवन मात करे है सफल
अम्ब वास करे हिरदे में ‘मनुज’ उर मात रटे करनल करनल
मनोज देपावत
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म्हारा इंद्र अम्बा,तीनहुँ लोक धणी।
तीनहुँ लोक धणी----अन्नदाता थांसु लागी प्रीत घणी।।टेर।।
शिवा शिवानी माँ हिंगलाज बणी।
ओ--आवड़ रूप तणी।।१।।म्हारा----
आवड़ ही मैया करणी रूप धरी।
ओ---करणी ही इंद्र बणी।।२।।म्हारा----
आषाढ़ री नवमी लागी मेघ झड़ी।
ओ---अवनी बणी री ठणी।।३।।म्हारा-----
सागर रतनु घर आप पधारया धणी।
ओ---धापू जननी जणी।।४।।म्हारा------
वन्दन सब करते शेष सुरेश गुणी।
ओ---पावन खूड़द धरणी।।५।।म्हारा-----
नवलाख संग माँ सोहत शिरोमणि।
ओ---महिमा कौन गणी।।६।।म्हारा------
परवाड़ा अगणित कहत न आवे कणी।
ओ---सेवक"राज"भणी।।७।।म्हारा------
🙏🍊🙏🍑🙏🙏🍓🙏🍑🙏
स्थायी ---_--विनती सूनिये मात हमारी विनती सुनिये मात हमारी।।
मेह सुता मऀआ मेह दुलारी मेह सुता माऀ मेह दुलारी।।
देशनोक मोटी धणियाणी।।।
विनती सुनिये मात हमारी।
अंतरा---१---धरती पर माऀ काल है भारी
धरती पर माऀ। काल है भारी।।
हर पल म्हाने आस है थारी ।।
हर पल म्हाने आस है थारी।।
गिण गिण साऀस आस कहती है।।
गिण गिण साऀस आस कहती है।।
आसी असुर विदारण वाळी।।
टेर---विनती सुनीये मात हमारी।।
विनती सुनीये मात हमारी।।मेह सुता माऀ मेह दुलारी ।।
मेह सुता माऀ मेह दुलारी।।देशनोक मोटी धणियाणी।।
विनती सुनीये मात हमारी।।
२----सतत प्रतिक्षा अपलक लोचन।।
सतत प्रतिक्षा अपलक लोचन।।
हे भयहारण असुर विमोचन।।
हेभयहारण असुर विमोचन।।
मॅजु का भय माॅ दूर किजीये।।
मॅजु का भय माॅ दूर किजीये।।
शरण पङी माॅ शरण तिहारी।।
टेर---विनती सुनीये मात हमारी।।२
मेह सुता माॅ मेह दुलारी।।२
देशनोक मोटी धणियाणी।।
विनती सुनिये मात हमारी।
३----और कहु क्या माॅ किनीयाणी।।
और कहू क्या माॅ किनीयाणी।।
तन मन धन री करो रूखाळी।
तन मन धन री करो रूखाळी।।
करूणा मयी माॅ आकर ये कहिये।।
करूणा मयी माॅ आकरकहिये।।
स्वीकारी विनती स्वीकारी।।
टेर---+-विनती सुनिये मात हमारी।२मेह सुता माॅ मेह दुलारी ।।
२ ।।देशनोक मोटी धणियाणी।।
विनती सुनीये मात हमारी।।२ ।।
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म्हारा इंद्र अम्बा,तीनहुँ लोक धणी।
तीनहुँ लोक धणी----अन्नदाता थांसु लागी प्रीत घणी।।टेर।।
शिवा शिवानी माँ हिंगलाज बणी।
ओ--आवड़ रूप तणी।।१।।म्हारा----
आवड़ ही मैया करणी रूप धरी।
ओ---करणी ही इंद्र बणी।।२।।म्हारा----
आषाढ़ री नवमी लागी मेघ झड़ी।
ओ---अवनी बणी री ठणी।।३।।म्हारा-----
सागर रतनु घर आप पधारया धणी।
ओ---धापू जननी जणी।।४।।म्हारा------
वन्दन सब करते शेष सुरेश गुणी।
ओ---पावन खूड़द धरणी।।५।।म्हारा-----
नवलाख संग माँ सोहत शिरोमणि।
ओ---महिमा कौन गणी।।६।।म्हारा------
परवाड़ा अगणित कहत न आवे कणी।
ओ---सेवक"राज"भणी।।७।।म्हारा------
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