Inder Baisa Chirja Lyrics
करणी माता चिरजा लिरिक्स
💐चिरजा श्री इंद्र बाईसा री 💐
तर्ज=चांद चढ्यो गिगनार,,,
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आवड रा अवतार इंद्र माँ रतनू कुल सिरदार प्यारो लागे खुड़द दरबार शरण थारी आया जी म्हे आया जी
नवराता आनंदमय उत्सव सज्या द्वार पर मेळा जी!
साथीडा संग नाचा गावां हुवै जातरी भेळा जी!!
बडो भाग हमार देख्या आप तणो दरबार मेरा मन हरसाया जी हरसाया जी(1)
शुक्रवार तिथि शुभ नोमी अंबा अवनी पर आई जी!
पावन किनी महि मरुधर खुशी घणेरी छाई जी!!
हरस भयों अपार गुण थांरा गावै है नर नार भक्तां रे मन भाया जी थे भाया जी ,,(2)
मढ़ खूड़द री शोभा लागे सुरगां से बढ़ प्यारी जी !
नवलख रास रमें मां अखाड़े संग भैरूं बलकारी जी!!
हिवडे हर्ष अपार अंबा आप बडी अवतार चरण चित पाया जी म्हें चाया जी,(3)
नाम अनोप गाँव निमराणो पगां पांगळी आई जी!
कष्टे मेट काया कर कंचन घूमर दी घलवाई जी!!
कर के पांव तैयार सुणली मात पुकार बडा़बडी माया जी थांरी माया जी(4)
सुत अशोक शरण में ऊभो रतनू ध्यान लगावै जी!
सुख वैभव बगसो माँ भक्ति चिरजा गाय सुणावै जी!!
करता जय जय कार आपरी अम्बा आप तणो आधार रखो छत्रछाया जी सिर छाया जी(5)
अशोक रतनू कृत
ठि. बांसड़ा
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विपदा हरण वीशहथी ,
इंद्र लियो अवतार ।
सागर घर जनमी सगत ,
साद सुणै संसार ।
।।छंद नाराच।।
सुणै सँसार देह धार भार टार भोमरो।
खुड़ध्द गाम निझ्झ धाम इन्द्र नाम आपरो।
पृथी पुरेस सर्ग देश सुताय सागरेश री।
सदा सहाय जोगमाय इन्द्र नाम ईशरी। (१)
जय इंद्र आद ईशरी।
हुऐ हलक्क वीर हक्क डाक डक्क डेरवा ।
बावन वीर ओर पीर लार लीध भैरवा ।
भुजा पसार जहाज़ तार तुरन्त ताल तीसरी ।
सदा सहाय जोगमाय इन्द्र मात ईसरी । (२)
सुहेँ सिँदूर भाल पूर तेज सुर बिंदिका।
कला अपार बंश चार शत्रुवा सँघार का।
अनेक बार दैत्य मार सहाय कीध शंकरी।
सदा सहाय जोगमाय इन्द्र मात ईसरी । (३)
चढ़े कँठीर चख्ख नीर दधी को डकारनी।
जुनी जुगाद आप आद सूर ठांभ चारणी ।
पयाल जाय आप लाय कूप का अम्रतरी ।
सदा सहाय जोगमाय इंद्र नाम ईसरी । (४)
पियाल धर्म राख शर्म मेट भ्रम मावड़ा ।
जिवाय भ्रात प्रात पोर आई नाथ आवडा ।
रखी मर्जाद आप आद साधना पिथूय री ।
सदा सहाय जोगमाय इंद्र नाम इसरी। (५)
अखूंय आज राख लाज संत काज सारणी ।
रटंत दास तोय आश त्रास मेट तारनी।
रखीय रीत पाल प्रीत जीत तोय जेत री ।
सदा सहाय जोगमाय इन्द्र आप ईसरी। (६)
करूं पुकार ध्यान धार आय बेग अम्बिका ।
रिदेय राग सुने साद चढ़े बाघ चंडिका ।
तनांय धाय इंद्र आय साख साय संत री।
सदा सहाय जोगमाय इन्द्र मात ईसरी।(७)
पताल देश नाग शेष गावता गणेश ही
केलाश भूप करंत धूंप आ कलां अपार ही।
धरन्त ध्यान विर्ध दान शर्ण तुझ्झ शंकरी ।
सदा सहाय जोगमाय इन्द्र मात ईसरी। (८)
जय शक्ति आदी ईसरी।
🙏जय माँ भगवती🙏
🌷 चिरजा🌷
तर्ज= अम्बा आती सुण आवाज हित,,,,,
आज्यो अर्ज सुणंत इंद्रेश भौम पर विपद भई भारी।
उबारो अम्बा इणवारी,,,,,,
कोरोना रोग मचायो कहर,
जगत में फैल्यौ दुष्कर जहर
मावडी़ करिया सरसी महर
मर्ज आ मेटो महतारी ,,,,(1)
सेवग री करे सदाई सार
धजबंध रूप अनेकों धार
पूत की सुणजै मात पुकार
टैम अब टाळो चिंतारी।।(2)
शगत सुण आर्त करो सुधार।
वसुधा छाई विपत्ति विडार
आवतां करजै मती उँवार
देख माँ हालत दुनियारी।।(3)
काढ़जै मिनखां जडी़या कैद
बणत माँ ओखद बूंटी बैद।
खत्म कर हाथ खड़्ग अब लेय
करिज्यो आय कछु कारी (4)
बात सुण करजै मात विचार
अम्बा मोय थारो ही आधार
हेलो सुण आया शरणै हार।
जाणजै पीडा़ जनतारी।।(5)
गरजना करतां दुसटी घेर
देख दुख नाँय लगावो देर
सजाओ बेगा बबरी शेर
भीड़ हरलिज्यै भगतांरी।।(6)
दया कर दास बचाजै देश।
इला सुख करजै झट इंद्रेश
मनावै शरणे मिषण महेश।
निरोगा करजै नर नारी।।(7)
महेश दान मिषण कृत
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