करणी माता चिरजा लिरिक्स
ऊँ
।। नमामि नाथ भैरवां ।।
।। स्तुति श्री भैेरवां नाथ की ।।
क्रमश-----
।। दोहा ।।
1
घूघरियां घमकावतो, मिणधारी मतवाळ ।
गौरा रुपाळों तुँ घणो, लागे रे लटियाळ ।
2
भीड़ हरो थें भैरवां, कर काळा प्रतिपाळ ।
बीदग हन्दी बाहरू, रहिजै तूं रखवाळ ।
3
फबे आपने फूटरां, अतर फुलैला अंग ।
श्याम गौर तन सौहणां, रंग है मांमां रंग ।
4
शीश जटा लटके लटां, ओपें छटां अपार ।
घटा मेंघ ज्युं गाजतां, कटि घूघर घमकार ।
5
दीजे दरसण डोकरा, मद छकियां मतवाल ।
सगत्यां संग सुहावणों, लागे रें लटियाळ ।
ऊँ
।। नमामि नाथ भैरवां ।।
।। स्तुति श्री भैेरवां नाथ की ।।
क्रमश-----
।। सोरठा ।।
6
मामां मतवाळाह, प्रतिपाळा आठो प्रहर ।
रहिजें रिछपाळाह, भाँणेजां हित भैरवां ।
7
मामां करके म्हैर, आवो अबखी बैर में ।
खम्मां रखावो खैर, भाँणेजां घर भैरवां ।
8
अलबैला झट आव, मामां तूं करवां मदत्त ।
बिसरें मत बरताव, भाँणेजां हित भैरवां ।
9
आजें मामां आज, श्वान सवारी साज ने ।
घूघरियां री गाज, बैग सुणाज्यो भैरवां ।
10
मामां कर मनवार, लार मात ने लावजो ।
जोवूं बाट तिहार, भला पधारो भैरवां ।
11
(माँ) सायर करणी संग, अगवाणी थे आवजो ।
उर में धार उमंग, भला पधारो भैरवां ।
12
रिधसिध गणपत साथ, अवश आप लें आवजो ।
खूब धार मन खाँत, भला पधारों भैरवां ।
13
पूरण ब्राजो पाट, मावड़ गणपत साथ में ।
ठावां बगसों ठाठ, भाणूं “जय” घर भैरवां ।
ऊँ
।। नमामि नाथ भैरवां ।।
।। स्तुति श्री भैेरवां नाथ की ।।
क्रमश-----
।। छन्दः- मोतिदाम ।।
16
धरी हिय खास हुलास विलास ।
रमे संग चौसठ जोगण रास ।
नमो डमकावत डैरव डाक ।
नमो मुख खोल करे हद हाक ।।
17
जयो करणी जय नाद उचार ।
करे मुख बावन ही जयकार ।
नमो मद पीय घणो मतवाळ ।
चहूँ दिश चिर्त करें चिरताळ ।।
18
अलंकृत रूप अनूप उदार ।
घमंकत घूघर की घमकार ।
नमो मद पीवत आसव दाख ।
धरा फण शैष धुजावत धाक ।।
19
रमें पग घूघर नेंवर प्हैर ।
फिरें हद घूमर गोळ घुमैर ।
नमो घमकें कटि घूघरमाळ ।
नमो चमके कर शूळ विशाळ ।।
ऊँ
।। नमामि नाथ भैरवां ।।
।। स्तुति श्री भैेरवां नाथ की ।।
क्रमश-----
।। छन्दः- मोतिदाम ।।
20
पखावज बाजत बीण म्रदंग ।
भरे उर कोड अपार उमंग ।
उगेरत गीत मुखां हद जोर ।
घटा नभ गूँजत ज्यूं घनघोर ।।
21
भरे मन माज मिजाज सुँ नाज ।
नचे पद पाज मिलाय क नाच ।
झटोपट नैवर जैवर जाँच ।
मुखां निरखे निज फेर क नांच ।।
22
नमो हुय भैरव भाव विभौर ।
लियां मद छाँक फिरै चहुँऔर ।
करे मनवार घणी जगमात ।
रमे इम रास नवो नवरात ।।
23
अती उर धार उमंग उछाव ।
खमां घर आव तुँ खैतळराव ।
नमो कर मात तणी मनवार ।
सदा अगवाणिय संग पधार ।।
ऊँ
।। नमामि नाथ भैरवां ।।
।। स्तुति श्री भैेरवां नाथ की ।।
क्रमश-----
।। छन्दः- मोतिदाम ।।
24
करू पग मंडण पथ्थ बुहार ।
लियां संग मात गणेश पधार ।
सभी झट आय बिराज सुपाट ।
करो निज सेवक पूरण ठाठ ।।
25
खमां निज दास रखावण खैर ।
करो झट मात सहोदर म्हैंर ।
नमो निज जोय विरद्द विशेष ।
रखो शरणे “जय” दास हमेश ।।
।। दोहा ।।
जग जाहर जौड़ी जुगल, गौर श्याम वपु गात ।
श्वान सवारी सोहणां, नमो भैरवा नाथ ।
सगत्यां नवलख साथ में, रचत रास नवरात ।
जय जग मात रिझावणां, नमो भैरवा नाथ ।
।। छप्पय ।।
नमो भैरवां नाथ, नमो जय भीम भुजाळा ।
नमो भैरवां नाथ, कुंवर चावण्ड किरपाळा ।
नमो भैरवां नाथ, शूळ कर श्वान सुशौभित ।
नमो भैरवां नाथ, प्रणत जन आशा पूरित ।
जय जुगल जोड़ बडपण विमल,
अखिल सगत अगवाण रे ।
हित शरण करण अतुलित कृपा,
आप सुजस अप्रमाण रे ।
क्रमश------
(अन्तस री अरदास पुस्तक सूं )
(विरचित)विनीत:- जयसिंह सिंढ़ायच मण्डा
राजसमन्द
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