Karni Mata Chirja Lyrics
करणी माता चिरजा लिरिक्स
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चिरजा- करणी मॉं प्यारा लागो
लेखक:- सांवल दान देपावत
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करणी माँ प्यारा लागो, मेहाई प्यारा लागो ।
आवोनी पधारो म्हारे आंगणे ।।
छोरूङा बाट निहारे मेहाई माँ ।
आवो पधारो म्हारे आंगणे ।।टेर।।
मुरत प्यारी लागे, सातूं सगत्यां रे सागे ।
हंसता पधारो म्हारे आंगणे ।।
राश रमण ने पधारो करणी माँ म्हारे ।
आवो पधारो म्हारे आंगणे ।।१।।
भक्तां ने दर्शन देवो, सगळा रे सागे रेवो ।
भक्त बुलावे करणी मात ने ।।
सात शगत संग आवो अम्बे माँ म्हारे ।
आवो पधारो म्हारे आंगणे ।।२।।
भैरूं मतवाळो नाचे, पगां घूघरिया बाजे ।
डमरू बजावे दोनो हात्त मे ।।
श्वान सवारी चढ आवे मतवाळा भैरूं ।
आवो पधारो म्हारे आंगणे ।।३।।
कानोमे कुण्डल भळके,माथे पे बिन्दिया दमके।
सुरत सोणी लागे आपरी ।।
रखङी री सौभा है हद भारी थारी ।
आवो पधारो म्हारे आंगणे ।।४।।
सांवल' चिरजा गावे भक्तां रे मन भावे ।
अर्ज करूं करणी मात ने ।।
शरण आयोङा ने सोरा राखो जी अम्बा ।
आवो पधारो म्हारे आंगणे ।।५।।
--------- साँवल दान देपावत 🙏🚩🚩
सवेया
श्री करणी दुख की हरणी भव सागर की तरणी जगतंबा
तू वरणी चहु वैदन मै अति दीन अनाथन की अविलंबा
आरत की विनती सुण आवत ना हि लगावत दैर विलंबा
सीह सजावरि दैर न लावरि आवरि आव हमारिय अंबा
कर कर समरन करनला ,
हर हर नमन हमेस ।
भर भर मधुकर भावना ,
तर तन शुध मन तेस ।
जय त्रिपुरारी नित जपां ,
उठ अंधारी आम ।
कनक अहारी मधुकरा ,
वंदन पियारी वाम ।
लोहड़ धारी जस लिखां ,
जयकारी कर जोय ।
मदत तिहारी मधुकरा ,
सिंह सवारी सोय ।
करणी करणी नित कहां ,
शरणी हरदम साज ।
शुभ धरणी मधुकर सकल ,
जरणी तारण जाज ।
करणी सुकीरत करणा ,
चरणा चित हित चाय ।
धरणा धीरत मधुकरा ,
शरणा शिव नित साय ।👏🏻👏🏻⛳
जय श्री आवड़ करणी मॉ ⛳👏👏
🔱श्री करणी माँ का अष्टक,छंद मतगयंद🔱
चक्र चले करणी कर चोतरफ,भारत भागीये देश रूखारो।
शूल त्रिशूल महा भुज शोभित,रोग महारोग व भागज्या सारो।
खड़ग खप्पर गूरज शुशोभित, कोरोना कर शीश उतारो।
कोनहीं जानत मात करनल्ल,देश विदेश मे नाम तिहारो।।1।।
गोड़ती दोड़ती तोड़ती भाखर,कोरूना गटको कर डारो।
बीस हत्थी चढो बाघ रे उपर,देवी दयानिधि देश उबारो।
बाय बादी दुख पेट पिड़ा सब,जाप जप्यां मिटज्या दुख सारो।
कोनहीं जानत मात करनल्ल, देश विदेश मे नाम तिहारो।।2।।
चुण्ड मुण्ड काटे शिर चामण्ड,मुण्ड माला सिणगार तिहारो।
रक्त बीज को रक्त मिटावण,जुद्ध मे जोजन जीभ पसारो।
शुम्भ निशुम्भ हते महिशासुर, चोतरफ चक्र चले रण थारो।
कोनहीं जानत मात करनल्ल, देश विदेश मे नाम तिहारो।।3।।
वाह शिशपाल भद्ये दतबकर,जोगण चीर जरासंध मारो।
भद्रकाली शंखचूड़ हते रण,जुद्ध मे गोरी जलंधर मारो।
कोरोना कोप पड़े बंद मन्दिर, रोग को मार मति बुचकारो।
कोनहीं जानत मात करनल्ल, देश विदेश मे नाम तिहारो।।4।।
कंश कहानिया काळिया पेथड़,मार महि शिर भार उतारो।
कमरो भाज गयो दल काबल,केहरी गुंज करे रण थारो।
बिठू बंश मे बीस भुजा बण,गीगल गाय महा दुख टारो।
कोनहीं जानत मात करनल्ल, देश विदेश मे नाम तिहारो।।5।।
काया रा कोढ तूं केंसरा काटत,चक्र चेरा तन शूल निवारो।
हिचकी तूं हिड़काव मिटावत,आंधा शिशि दुख दूर उतारो।
कोरोना शिर काट करनल्ल, तिब्बत चीन भुटान मे डारो।
कोनहीं जानत मात करनल्ल, देश विदेश मे नाम तिहारो।।6।।
केहरी कोप चढो माँ इंदर, शूल त्रिशूल से शत्रु संहारो।
कोरोना दुख मेट धजाबंद,बीस हत्थी बण भक्त उबारो।
बिरवड़ी बूट बैचरा इंदर, कोरोना शिर चक्र डारो।
कोनहीं जानत मात करनल्ल, देश विदेश मे नाम तिहारो।।7।।
देवीदान लिखे यह अष्टक,देवी दयानिधि रोग निवारो।
कोरोना दुख काट करनल्ल, बीस हत्थी यह देश उबारो।
खड़ग मुण्ड धरो कर खप्पर, मात मेहासदू आफत टारो।
कोनहीं जानत मात करनल्ल, देश विदेश मे नाम तिहारो।।8।।
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🔱⛳ श्री करणी माँ री चिरजा ⛳🔱
मेहाई मैया रम्मत रास अखाड़े,
रिधु बाई रम्मत रास अखाड़े
गांव देशांण गढवाड़े (टेर)
मा ओर चैत असाढ मे मांडत,खेल इन्दू पखवाड़े।
सझ सिणगार आई सब शकत्यां,रम्मण रास अखाड़े।।1।।
एकम दूज तीज री आवत,चोथ पांचम छटवाड़े।
सातम आठम री सब खेलत,नव दिन नृत्य नचाड़े।।2।।
रम्मत रास लाख नव दुर्गा, घूघर घम्म घम्मकाड़े।
भललल हार बरी अंग चमकत,पायल छम छमकाड़े।।3।।
रम्मत नृत आवडा़ करणी,जगमग जोत जगाड़े।
बाजा तीस छतिस बजावत,कोकिल कंठ गवाड़े।।4।।
श्रीमंडल सैतार शंख धुनी,तंत्री तार बजाड़े।
दूदंभी बीण मृदंग बजावत,शकत्यां रास रचाड़े।।5।।
तेतिस कोड़ बंधू सुर संग में,सुर सब सुमन बरसाड़े।
घम घम ढोल घूघरा घम घम,अद्भुत रम्मत अखाड़े।।6।।
सोने सूरज उगीयो अम्बा, रघुवर रंग बरसाड़े।
ब्रह्मा विष्नु हुवे सब परसन्न, दर्श देव दरसाड़े।।7।।
देवीदान रम्मत गिरजा ने,चिरजा पियुष चखाड़े।
गंद्रव चंद्रसेन गुण गावत,गज्जल तर्ज गवाड़े।।8।।
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शेर बेठी सुरराय सजाकर ,
वेर आवे रिधु माय विकांणा ।
लेर उठे मन धाय लखी नर ,
हेर मिटाय दे कष्ट हेरांणा ।
खेर रखाय सबां पै खुशी घर ,
टेर सुणाय सुधार ले टांणा ।
मेर करे महमाय मधुकर ,
देर करे नही राय देशांणा ।🙏
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🔱⛳🔱जय माँ करणी🔱⛳🔱
छंद जाती मलाधर ,,सतरै आखर ,चार लघु ,जगण ,भगण ,जगण ,तगण ,अंत गुरू ,,सादर निजर मधुकर ।
उठ कर सदा रिधू समर ओय आधार रे ।
मधुकर अही कथा उचर तूं मलाधार रे ।
चहु लघु जगाण भागण जगाण जाचार रे ।
तगण गण अंत फेर गुरु आंण ता लार रे ।
छंद जाती ,,सिखरणी ,,यगण ,मगण ,नगण ,सगण ,भगण ,अंत लघु गुरू ,,सतरे आखर ,निजर ।
कहाणी बाखाणी शुभकर हमारी तु करणी ।
सुणा छंदा बंदा मधुकर उचारी सिखरणी ।
यगाणा मागाणा नगण सगणा भागण यणी ।
महीमा देवी मां तण लघु गुरू आखिर मुणी ।
छंद जाती ,,मंजीरा ,,अठारा आखर ,षट गण ,,दो मगण ,,भगण ,मगण ,सगण ,मगण ,,सादर निजर मधुकर ।
वीसां हाथां वाली बीक किया राजा रचिया बीकांणा ।
देवी काबां आली आप रखी लाजा बसिया देशांणा ।
मंजीरा छंदा ठायै भमरा ऐसै सखरा मांडांणा ।
मागाणा दो भागाणा मगणा लारै सगणा मागाणा ।🙏🙏
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🌹🌹(छंद जात पंच चामर)🌹🌹
दोहा
महर करण महमाय , जग रूखाळण जोगणी ।
अम्ब रूप ले आय , यों वरदायक विसवेशरी ।
छन्द
विश्वेशरी विनासनी विकार की विशेष हैं ।
तिहार तीन लोक में हुवे दया हमेश हैं ।
दया रखाय दास पे कृपा सदाय कीजिये ।
अनाद आद अंबिके दिदार मात दीजिये ।।1।।
धरे त्रिशूल धारणी अनूप रूप ईशरी ।
भुजाळ साथ भ्रात ले निहारवाय नीसरी ।
रदे बिचाळ रीझयां कृपाळ वास कीजिये ।
अनाद आद अंबिके दिदार मात दीजिये ।।2।।
करे न देर कांय हैं सबेह काज सारवा ।
सची पुकार सांभळे तुरन्त आय तारवा ।
मिटाय आप मावड़ी दुराह कष्ट कीजिये ।
अनाद आद अंबिके दिदार मात दीजिये ।।3।।
जपंत नाम जोगणी कटंत पाप काय के ।
खपाय देत खोड़ला दईत यों दबाय के ।
पिशूंण मां पछाड़वा कबू न देर कीजिये ।
अनाद आद अम्बिके दिदार मात दीजिये ।।4।।
हमेश राख हिन्द में अपार चैन आवड़ा ।
सदा वधन्त संपदा मिळे खुशीय मावड़ा ।
मिटे कलेश मुल्क सूं कृपा असीह कीजिये ।
अनाद आद अंबिके दिदार मात कीजिये ।।5।।
हिये कराय हांम यूं जपंत मीर जाप हैं ।
रखाय लाज रंक की इळा बिचाळ आप हैं ।
करंत शुद्ध कामना कुबूल मात कीजिये ।
अनाद आद अंबिके दिदार मात दीजिये ।।
कळश छप्पया
रमे मात नव रात सजे शिणगार सवाया ।
रमे मात नव रात मिळ चौसठ महमाया ।
रमे मात नव रात रास घण आप रचावे ।
रमे मात नव रात देव मिळ देखण आवे ।
अवल नवल धर रूप इसोह अम्बा रमवा आय हैं ।
किरपाळ मात पाळण करण सो मुझ निमण सदाय हैं ।।
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🙏🙏🙏मीठा मीर डभाल🙏🙏🙏
खुलियो मढ देसांण खट,जय कारा कर जोर।
कर दर्शन किनियांण रा,घट मिटिया दुख घोर।।१
आंख्या में उजास हुग्यों,नहचे आई नींद।
भगत भाव आया भला,बन्ना बिनणियां बींद।।२
झूक झूक कर ए झलक,लाग्या दर्शन लीन।
चम चमाय जोत चमके, देखें गिरधर दीन।।३
दयाल धोळ काबा धवळ,राजी म्हारें रोज।
भंडार भोग भोज लें,मन तन कीनी मोज।।४
सुत थारों शरणे सदा,चरणा में चित चाय।
धणियांणी करणी धणी,लोवङ माय लुकाय।।५
*****श्री करणी शरणम्*****
(गिरधारी बिठू,सींथल)
!!दुहा श्री करणी इन्द्र सुवा माँ कृपा!!
दस महाबिद्या डोकरी,देशाणा री राय,
एक तिहारे नाम स्यूँ,सब सिद्धि सध जाय।।
दस महाबिद्या डोकरी,श्री करणी सुरराय,
वा ही माँ बगुलामुखी,काली तारा उतराय।।
दस महाबिद्या डोकरी,मेहाई महमाय,
छिनमस्तक धूमावती,उग्र रूप अम्ब आय।।
दस महाबिद्या डोकरी,आवड़ अर इंद्रेश,
मातंगी भवनेश्वरी,महालक्ष्मी मातेश।।
दस महाबिद्या डोकरी,त्रिपुर भैरवी तूंह,
सर्वकला सम्पूरणी,जगत षोडसी ज्यूँह।।
दस महाबिद्या डोकरी,सायर करणीकोट,
कमला माँ करूणामयी, बैठी राय तणोट।।
दस महाबिद्या डोकरी, भादरिया री राय,
घण्टियाली धिन गौरजा,माय तेमड़ा साय।।
दस महाबिद्या डोकरी,पनोधरी परमाण,
चालकनेची चारणी,देग धणी धिनियाण।।
दस महाबिद्या डोकरी,देवी डूंगरराय,
चेलक जलमी चारणी,गिरजा गिरवरराय।।
दस महाबिद्या डोकरी,पूजूं हुँ पल पल्ल,
आसा कुंवर विराज री,किनियाणी करनल्ल।।
कुंवर विराज शेखावत भडुंदा छोटा
हाल- तारानगर(चूरू)
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