Header Ads Widget

Ticker

10/recent/ticker-posts

Karni Mata Doha Lyrics , करणी माता के दोहा लिरिक्स

Karni Mata DOHA  Lyrics


करणी माता के दोहा लिरिक्स




बेबस मन दे दृढ़ता, तन की टालै घात 
होवण दे कबहूं नहीं,सुत घर दुख री रात 
         
 कारज करणी सेवगां, विपदा हरणी वात 
उर धरणी अनूराग मां,राखै सुत री बात 
        
 जद जद सुमरया आपनै, हाजिर रहिया मात 
जन्म जन्म थारा चरण,चावै प्रांजल पात 
              
 बिड़द बढ़ावै बीसहथ, भगतां कारज सार
खड़ी रह्वै सिर हाथ धर, नवलख लेकर लार
            
 कहणो पड़ै न आपनै, समझो सब जज्बात 
करणी करुणा मूर्ति, सकलाई साक्षात 
         
 करणी पड़ै न वीनती, न नयनां भर नीर 
देख विपद झट मावड़ी,आवै खांचण सीर 
           
 भोग न रिझै भगवती, रिझै भगतां भाव 
सांचों हेलो सांभलै, कहतां करनल आव 
          

 आई भाखर नेह रो, माई ममता खाण
साय करण आवै अवस, नीर ढलंता पाण 
         
 भीर बंटाणी भगत की, है अंबा की बाण 
साय करै मेहासदू ,विनती सुणता पाण 
         
 भोग न रिझै भगवती , पावन भाव रिझाय 
मन में सिमरो मात नैं, नत हो शीश झुकाय 
          
शीश निवाकर देखल्यो, देसी मां आशीष 
लोवड़ ओटां राखसी, मां देशाणाधीश 
       
 भाव सुणाकर देखल्यो, सुणसी बीस भुजाल 
सुख करसी नित शंकरी, देवी दीन दयाल
       
: टेर सुणाकर देखल्यो, दया करै भुजबीस 
अंबा देसी आपनै, हरख हरख आशीष
            
 ध्यान लगाकर देखल्यो, देसी उर आनंद 
अधरां की मुस्कान मां, देय न होंबा मंद 
          
 आफत पल में आवतां ,करै पलक नहीं देर 
ममता कर मायड़ रखै,सदा सेवगां म्हेर 
        
आई ज्यों ही आवज्यो, सज धज चढ़ वनराज 
सगती सुत री राखजे ,लोवड़ वाली लाज 
              
*रंग इक्कीसी मां करणी री* 

# रंग करनला रंग #
कृत#संग्राम सिंह सोढा सचियापुरा 

देशाणो धज देवरो,सोहे देवी संग।
हद परचा हिंगळाज ज्यूं,रंग करनला रंग।।1 

किरपा करणी री भली,पर हित रहे प्रसंग।
आवड़ रूप आपरौ,रंग करनला रंग।।2 

किनियाणी तू करनला,श्रद्धा काबा संग।
चोज बढायौ चारणां,रंग करनला रंग।।3 

सुवाप वसुधा सोवणी,परतख जुड़्यो प्रसंग।
मुलकां चावी मावड़ी,रंग करनला रंग।।4 

इळ सुवाप में ऊपनी,अंजसी घण उमंग।
कळू पोर कस्ट काटणी,रंग करनला रंग।।5 

दीपै जांगळ देसड़े,अवल करण उछरंग।
चहुकूँटां चावी घणी,रंग करनला रंग।।6 

आई नामै ओपती,सगत नवलखां संग।
बीसहथी वेदन हरण,रंग करनला रंग।।7 

अजब प्रवाड़ा आपरा,दाता सुण व्है दंग।
चरचित चावी चारणां,रंग करनला रंग।।8 

पर्चा नै प्रभुता जबर,दुस्टां रही दबंग।
कण कण गूंजै कीरती,रंग करनला रंग।।9 

चिरजा थारी चाव सूं,गावै घणी उमंग।
भजै नाम परभात रौ,रंग करनला रंग।।10 

जबरा आवै जातरू,ऊजळ लेय उमंग।
आसा पूरे ईसरी,रंग करनला रंग।।11 

सोभा किनियाणी सिरै,धर देशाणे संग।
जठै बिराजै जोगणी,रंग करनला रंग।।12 

मढड़े बैठी मावड़ी,सुणती हेलै संग।
शत्रुवां नै संहारती,रंग करनला रंग।।13 

नव दिन धोकै नोरता,सगती थारै संग।
मुदै मास आसोज में,रंग करनला रंग।।14 

वरणी वेद बिमल्ल तूं,सुख दायक्क सुचंग।
आणंद करणी अंबिका,रंग करनला रंग।।15 

संकट मेटै सेवकां,अडर नमै अड़बंग।
तीनूं लोकां तारणी,रंग करनला रंग।।16 

शेखे तणी सहायता,करती हुई न तंग।
भागियां प्रभातां भजी,रंग करनला रंग।।17 

मेळा लागै मोवणा,देख जगत व्है दंग।
नवरात्रां नांमी घणा,रंग करनला रंग।।18 

जुगती सूं आ जोगणी, टाळे किता कुसंग।
भगती सगती री भली,रंग करनला रंग।।19 

मेहा सदु दुख मेटणी,सुमर् या करै सुढंग।
शरणै राखै शंकरी,रंग करनला रंग।।20 

सोढो जस गावै सही,आसा राख असंग।
दाळद मेटै डोकरी,रंग करनला रंग।।21

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ